Indian Citizenship Law 2025: भारत में नागरिकता कैसे दी और छीनी जाती है? Full Guide
जानिए Indian Citizenship Law 2025 के तहत भारत में नागरिकता कैसे दी जाती है और किन मामलों में छीनी जा सकती है। पढ़ें Full Process, नियम और संशोधन।
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Indian Citizenship Law: भारत में नागरिकता कैसे दी और छीनी जाती है? (2025 Full Guide)
Indian Citizenship Law यानी भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955, यह तय करता है कि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक कैसे बन सकता है और किन कारणों से उसकी नागरिकता रद्द की जा सकती है।
नागरिकता अधिनियम क्या है?
Indian Citizenship Law भारत का एक मूल कानून है जो नागरिकता मिलने और रद्द होने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह अधिनियम 1955 में लागू हुआ और अब तक इसमें कई बार संशोधन हो चुके हैं, जैसे:
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1986
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1992
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2003
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2005
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2015
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2019 (CAA के रूप में)
भारत की नागरिकता कैसे दी जाती है?
Indian Citizenship Law 1955 के अनुसार नागरिकता पाँच मुख्य तरीकों से दी जाती है:
1. जन्म से (By Birth)
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26 Jan 1950 से 1 July 1987: जन्म भारत में हुआ हो।
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1 July 1987 के बाद: माता-पिता में से कम से कम एक भारतीय नागरिक हो।
2. वंशानुक्रम से (By Descent)
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भारत के बाहर जन्मे बच्चे, यदि उनके माता-पिता भारतीय नागरिक हों।
3. पंजीकरण से (By Registration)
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भारत में 7 साल रहने वाले या भारतीय नागरिक से शादी करने वाले व्यक्ति।
4. प्राकृतिककरण से (By Naturalization)
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भारत में कम से कम 12 साल का निवास और कानूनी योग्यताएं पूरी करना।
5. क्षेत्र के समावेश से (By Incorporation of Territory)
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जैसे 1961 में गोवा और 1962 में पुद्दुचेरी।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA)
2019 के संशोधन के तहत पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल सकती है, यदि वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हों।
भारत की नागरिकता कैसे छीनी जा सकती है?
Indian Citizenship Law की धारा-9 और 10 के अनुसार:
1. स्वेच्छा से दूसरे देश की नागरिकता लेने पर
2. स्वयं त्याग करने पर
3. सरकार द्वारा नागरिकता रद्द करने के कारण:
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व्यक्ति देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो
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झूठे दस्तावेज़ों से नागरिकता प्राप्त की हो
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7 साल से अधिक विदेश में रह रहा हो
नागरिकता से जुड़े विवाद और विरोध
CAA लागू होने के बाद कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। लोगों का मानना था कि यह कानून संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के खिलाफ है। कई जानें भी गईं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
निष्कर्ष
भारत में नागरिकता पाने और खोने के नियम Indian Citizenship Law 1955 के अंतर्गत आते हैं। यह कानून समय-समय पर बदला गया है, और अब डिजिटल प्रोसेस के ज़रिए कई प्रक्रियाएं आसान हो चुकी हैं। लेकिन नागरिकता एक संवेदनशील और संवैधानिक विषय है, इसलिए सभी प्रक्रिया कानूनी रूप से पूरी करना अनिवार्य है।
FAQ (10 महत्वपूर्ण सवाल-जवाब)
Q1. क्या भारत में Dual Citizenship मिलती है?
नहीं, भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है।
Q2. क्या OCI कार्ड भारतीय नागरिकता है?
नहीं, ये केवल Visa-Free सुविधा देता है।
Q3. क्या CAA मुसलमानों को बाहर करता है?
CAA धर्म-आधारित है, इसमें मुसलमानों का उल्लेख नहीं है।
Q4. क्या कोई विदेशी भारत की नागरिकता ले सकता है?
हाँ, Naturalization या Registration द्वारा।
Q5. क्या भारत में जन्मे बच्चे को नागरिकता मिलती है?
माता-पिता की नागरिकता पर निर्भर करता है।
Q6. नागरिकता रद्द होने पर क्या उपाय हैं?
सरकारी अपील प्रक्रिया के तहत आवेदन किया जा सकता है।
Q7. क्या पंजीकरण से नागरिकता मिल सकती है?
हाँ, कुछ शर्तों के अधीन।
Q8. क्या नागरिकता छीनी जा सकती है?
हाँ, यदि व्यक्ति झूठ या देशद्रोह में शामिल हो।
Q9. CAA के तहत कितने साल बाद नागरिकता मिलती है?
5 साल भारत में निवास के बाद।
Q10. Citizenship का आवेदन कहां करें?
indiancitizenshiponline.nic.in पर।
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Shiv Shankar Kumar Shah is the founder of CitizenJankari.com, a digital content creator and SEO specialist with 8+ years of experience in blogging and online publishing. Passionate about simplifying complex government processes, he writes bilingual content (Hindi + English) to empower citizens with accurate, easy-to-understand information on Aadhaar, PAN, Voter ID, and Indian citizenship.
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